Durga Chalisa Lyrics in Hindi

Durga Chalisa Lyrics in Hindi :- दुर्गा चालीसा का पाठ नवरात्रि के अलावा भी करना उत्तम माना जाता है, क्योंकि इससे मां दुर्गा अपने भक्तों से प्रश्न होती है और भी उन्हें हर संकट और समस्याओं से बचाती है। इसलिए दुर्गा चालीसा का पाठ (Durga Chalisa Lyrics in Hindi) पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए।

मान्यताओं के अनुसार दुर्गा चालीसा को 15वीं या 16वीं शताब्दी में लिखा गया था। जिसका पाठ नित्य रूप से करने पर भक्तो को कई प्रकार के लाभ होते जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से जानेंगे।

तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते है और जानते हैं दुर्गा चालीसा का महात्व तथा Durga Chalisa Lyrics in Hindi क्या है ?


दुर्गा चालीसा क्या है ? – Durga Chalisa Lyrics in Hindi

दुर्गा चालीसा माता दुर्गा की स्तुति करने वाली एक भक्ति पूर्ण कविता है। यह 40 श्लोक से बनी है और इसमें माता दुर्गा के विभिन्न रूपों और शक्तियों का वर्णन किया गया है। दुर्गा चालीसा को नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की स्तुति करने के लिए विशेष रूप से पढ़ा जाता है।

आपको बता दें, कि नवरात्रि हिंदू समाज का एक बेहद महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे चैत्र नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इस त्यौहार को पूरे भारत में उत्साहपूर्ण मनाया जाता है, जिसमें लगातार 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग अवतारों की पूजा अर्चना की जाती है।

ऐसी मान्यता है, कि इस दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनके जीवन से सारे दुख और संकटों को दूर कर देती है। नवरात्रि के दौरान भक्त दिन भर व्रत रखते हैं और शाम को मां दुर्गा की आरती करते हैं और उन्हें भोग लगाते हैं, इसी आरती में दुर्गा चालीसा का पाठ भी किया जाता है।


दुर्गा चालीसा कब पढ़ना चाहिए ?

वैसे तो दुर्गा चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है। खास तौर पर सप्ताह में शुक्रवार के दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना अधिक उत्तम माना जाता है। लेकिन नवरात्रि के समय दुर्गा चालीसा का पाठ करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।

जी हाँ नवरात्रि हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो शक्ति कि देवी यानी जगदंबा, मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित होती है। नवरात्रि 9 दिनों का त्यौहार होता है, जिसके दौरान सारे भक्तजन मां दुर्गा की स्तुति करते हैं। माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त रोजाना नौ दिनों तक दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं।

दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे उत्तम समय प्रातः काल का होता है। इस दौरान मन शांत और एकाग्र होता है, जिससे दुर्गा चालीसा का पाठ अधिक प्रभावि होता है।

दुर्गा चालीसा का पाठ करने से पहले भक्तों को स्नान करना और साफ कपड़े पहनना चाहिए और किसी पवित्र स्थान पर बैठकर ही दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।


दुर्गा चालीसा पढ़ने से क्या फायदा होता है ?

हिंदू संस्कृति के अनुसार दुर्गा चालीसा,  मां दुर्गा की स्तुति करने के लिए की जाती है। कई बड़े-बड़े ज्योतिषाचार्य और हिंदू समाज के महागुरु के अनुसार दुर्गा चालीसा का पाठ करने के कई अनेक लाभ होते हैं।

यह एक शक्तिशाली और भक्ति से लिन श्लोक हैं, जो माता दुर्गा की महिमा का वर्णन करते हैं। विशेष तौर पर दुर्गा चालीसा का पाठ नवरात्रि के नौ दिनों तक लगातार की जाती है। ऐसा मान्यता है, कि नवरात्रि की पूजा दुर्गा चालीसा के पाठ के बिना अधूरी होती है।

नीचे हैं दुर्गा चालीसा पाठ करने के कुछ विशेष फ़ायदे के बारे में बता रहे है। जैसे कि –

  • दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मानसिक और भावनात्मक शांति प्राप्त होती है। यह भक्तों को तनाव चिंता आदि से राहत दिलाने में मदद करता हैं।
  • दुर्गा चालीसा का पाठ प्रया  करने से बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान होती है। जी हां यह भक्तों को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से दूर रखने में मदद करता है।
  • प्राय यदि इस पाठ का उच्चारण किया जाए तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। जी हाँ यदि पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ दुर्गा चालीसा का उच्चारण किया जाए, तो भक्तों को अपने जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
  • आध्यात्मिक विकास करने में भी दुर्गा चालीसा का पाठ अत्यधिक महत्व पूर्ण होता है।  सदैव इसका पाठ श्रद्धा पूर्ण करने से भक्तों को ईश्वर के करीब आने और अपने जीवन में आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • रोजाना श्रद्धा पूर्ण दुर्गा चालीसा का उच्चारण करने से भक्तों और उसके पूरे परिवार को संकट, नुकसान, वित्तीय समस्याओं तथा स्वास्थ्य आदि जैसी अनेक दुखों और समस्याओं से बचे रहने में सहायता मिलती है।

दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम क्या है ?

वैसे तो सभी भक्तजन दुर्गा चालीसा का पाठ अपनी श्रद्धा और क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही करते हैं परंतु दुर्गा चालीसा का पाठ यदि नियम अनुसार किया जाए तो मां दुर्गा को अधिक प्रश्न होती हैं और उनका खास आशीर्वाद उनके भक्तों को प्राप्त होता है।

ज्योतिष विद्या के अनुसार दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम कुछ इस तरह है, जिन्हें भक्तों को पाठ करते समय प्रायः ध्यान में रखना आवश्यक होता है।

  • दुर्गा चालीसा का पाठ करने से पहले भक्तों को प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लेना चाहिए।
  • दुर्गा चालीसा का पाठ प्रया: किसी पवित्र स्थान या मंदिर में बैठकर ही करनी चाहिए।
  • दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करना जरूरी होता है। जिसके लिए किसी लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर वही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
  • पाठ की शुरुआत करने से पहले माता दुर्गा की प्रतिमा पर फूल, रोली, धूप तथा दीप अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
  • पाठ के दौरान दुर्गा यंत्र का इस्तेमाल अवश्य करें। यह भक्तों के लिए लाभकारी प्रतीत हो सकता है।
  • ऊपर दिए गए प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू करें।

दुर्गा चालीसा ( Durga Chalisa Lyrics in Hindi )

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।

नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी।

तिहूं लोक फैली उजियारी॥

शशि ललाट मुख महाविशाला।

नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

रूप मातु को अधिक सुहावे।

दरश करत जन अति सुख पावे॥

तुम संसार शक्ति लै कीना।

पालन हेतु अन्न धन दीना॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला।

तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी।

तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

रूप सरस्वती को तुम धारा।

दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।

परगट भई फाड़कर खम्बा॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।

हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।

श्री नारायण अंग समाहीं॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा।

दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।

महिमा अमित न जात बखानी॥

मातंगी अरु धूमावति माता।

भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी।

छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

केहरि वाहन सोह भवानी।

लांगुर वीर चलत अगवानी॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै।

जाको देख काल डर भाजै॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला।

जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत।

तिहुंलोक में डंका बाजत॥

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।

रक्तबीज शंखन संहारे॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी।

जेहि अघ भार मही अकुलानी॥

रूप कराल कालिका धारा।

सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

परी गाढ़ संतन पर जब जब।

भई सहाय मातु तुम तब तब॥

अमरपुरी अरु बासव लोका।

तब महिमा सब रहें अशोका॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।

तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें।

दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।

जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।

योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

शंकर आचारज तप कीनो।

काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।

काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

शक्ति रूप का मरम न पायो।

शक्ति गई तब मन पछितायो॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी।

जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।

दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो।

तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

आशा तृष्णा निपट सतावें।

रिपू मुरख मौही डरपावे॥

शत्रु नाश कीजै महारानी।

सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

करो कृपा हे मातु दयाला।

ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।

जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।

तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥

दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।

सब सुख भोग परमपद पावै॥

देवीदास शरण निज जानी।

करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥


FAQ’S :-

Q1. दुर्गा चालीसा करने से क्या होता है ?

Ans - दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मां दुर्गा प्रश्न होती है और उनके भक्तों को आजीवन धन और सुख की प्राप्ति होती है।

Q2. दुर्गा चालीसा किसने लिखी थी ? 

Ans - दुर्गा चालीसा मां दुर्गा की स्तुति के लिए संत देवीदास द्वारा लिखी गई गई हैं।

Q3. दुर्गा मंत्र से क्या लाभ है ?

Ans - दुर्गा मंत्र का उच्चारण करने से मनुष्य को ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।

Q4. मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है ?

Ans - प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि। त्रैलोक्यवासिनामीडये लोकानां वरदा भव।।

Q5. दुर्गा चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए ?

Ans - दुर्गा चालीसा का पाठ 11 बार करना चाहिए ताकि जीवन से सारे दुख और संकट समाप्त हो जाए। दुर्गा 
चालीसा का पाठ कब करें दुर्गा चालीसा का पाठ प्रति सप्ताह शुक्रवार के दिन पूजा के दौरान करना चाहिए।

निष्कर्ष :-

यह लेख यहीं पर समाप्त होता है। इस लेख में हमने   दुर्गा चालीसा ( Durga Chalisa Lyrics in Hindi ) पाठ लिखित रूप में बताया है। और साथ ही दुर्गा चालीसा पाठ का महत्व क्या है तथा दुर्गा चालीसा की शक्ति क्या है के  बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।

उम्मीद करते हैं, यहां दी गई जानकारी आपको उपयोगी लगी हो। लेकिन यदि आपको इस लेख से संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए, तो नीचे कमेंट के माध्यम से आप अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। परंतु यह लेख यदि आपको पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना बिल्कुल ना भुले।


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