ट्रेन में Gs का मतलब क्या होता है? | Gs coach in train meaning in Hindi

Gs coach in train meaning in Hindi :- Gs coach train का वह डिब्बा होता है जो साधारण यात्रियों के लिए होता है। इसमें किसी भी प्रकार की रिजर्वेशन की आवश्यकता नहीं होती और इसमें यात्री की कोई भी सीट फिक्स नहीं होती, पर क्या आप जानते हैं कि Gs coach in train meaning in Hindi क्या होता है?

यदि नहीं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं इस लेख के माध्यम से आप ट्रेन के Gs coach के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। तो चलिए Gs coach in train meaning in Hindi जानते हैं।


ट्रेन में Gs का मतलब क्या होता है? (Gs coach in train meaning in Hindi)

ट्रेन मे Gs का मतलब होता है General seating. किसी किसी train पर Gs की बजाय GEN भी लिखा होता है। यह एक second class अनारक्षित coach होता है। आमतौर पर हर train मे कम से कम 2 Gs coach होते हैं।

ट्रेन में general seating में एक सीट पर 5 से लेकर 7 लोग बैठ सकते हैं। General seating में केवल बैठने की सुविधा मिलती है। इसमें सोने की सुविधा नहीं होती अर्थात इसमें upper और middle सीट्स नहीं होती। हालांकि कुछ luxury train ऐसी हैं जिसमे Gs का डब्बा नही है। ज्यादातर हर गाड़ियों में ये डब्बा आपको देखने को मिल ही जाएगा।


ट्रेन का जनरल डिब्बा कैसे पहचाने ?

दोस्तों, यदि आपको ट्रेन के जनरल डिब्बे की पहचान नहीं है, तो आप सबसे पहले ट्रेन के दरवाजे को देखें। अगर किसी डब्बे में तीन दरवाजे है तो वह जनरल कोच हो सकता है।

जनरल कोच को पहचानने का एक और तरीका यह है कि जो भी डब्बा general coach होगा उस पर सेकंड क्लास लिखा होगा।

किसी किसी ट्रेन में जनरल डिब्बे के एक और पहचान होती है वह यह है, कि उस डिब्बे के अंदर अपर और मिडिल सीट नहीं होती, तो इन सभी तरीकों से आप ट्रेन के जनरल डिब्बे को पहचान सकते हो।


Train मे general coach हमेशा आगे या पीछे ही क्यों होता है ?

दोस्तों, आपने अक्सर देखा होगा की ट्रेन में जनरल डिब्बा या आगे की तरफ लगा होता है या पीछे होता है। पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? ट्रेन में जनरल डब्बे को आगे या पीछे लगाने के कई कारण होते है जिनमें से कुछ कारण निम्न हैं :-

  1. जनरल डिब्बे को पीछे या आगे लगाने का सबसे बड़ा कारण यह है, कि फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास वाले यात्रियों को सही रूप से सुविधा मिले। आपने देखा ही होगा कि जब ट्रेन रूकती है, तो उसके अगले या पिछले हिस्से platform से काफी दूर-दूर होते हैं तो यदि first या second क्लास वाले डिब्बे को आगे या पीछे लगा दिया जाए तो फिर first और second क्लास में सफर कर रहे यात्रियों को बहुत ही परेशानी होगी जबकि सबसे ज्यादा पैसे फर्स्ट और सेकंड क्लास वाले यात्री देते हैं और यही कारण है कि पीछे और आगे first और second क्लास वाले डिब्बे को नहीं लगाया जाता।
  1. इसके अलावा जनरल डिब्बे को आगे या पीछे लगाने का मुख्य कारण यह भी है कि बीच में फर्स्ट क्लास वाले डिब्बे और ac स्लीपर डिब्बे होते है और हम सभी जानते हैं की स्लीपर एसी में या फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास में टिकट का रेट भी ज्यादा होता है। इससे फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास या स्लीपर एसी के यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और दूसरा यदि कोई दुर्घटना हो भी जाती है तो उन्हें हानि कम से कम पहुंचती है।

General डिब्बे में जगह न मिलने पर क्या किसी और बोगी में सफर कर सकते हैं ?

देशभर में लाखों लोग हर रोज ट्रेन का सफर करते हैं। ट्रेन से सफर करना काफी सस्ता रहता है। इसीलिए ट्रेनों में भीड़ भी अक्सर देखने को मिलती है।

कई बार तो जनरल डब्बा इतना खचाखच भरा हुआ होता है, कि उसमें पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती। ऐसे में यात्रियों को बहुत दिक्कत होती है।

चलिए हम जानते हैं, कि यदि जनरल डिब्बे में जगह ना मिले तो क्या किसी और काकी में सफर किया जा सकता है :-

  • Ticket की validity

रेल नियम 1989 के अनुसार टिकट की वैलिडिटी का नियम बनाया गया है जिसमें यदि आपकी यात्रा 199 किलोमीटर से कम दूरी की है तो आपका टिकट की वैलिडिटी 3 घंटे की होती है और यदि 199 किलोमीटर से अधिक है तो आपकी टिकट 24 घंटे तक वैलिड रहती है। 

  • अगली train का wait करे

अगर आपके पास सेकंड क्लास का टिकट है और जनरल कोच में पैर रखने की बिल्कुल भी जगह नहीं है तो railway एक्ट 1989 के अनुसार आपको अगली ट्रेन आने का इंतजार करना होगा क्योंकि यह टिकट किसी ट्रेन के लिए नहीं बल्कि यात्रा के लिए दी जाती है। इस टिकट से आप किसी खास ट्रेन में नहीं बल्कि किसी भी ट्रेन में सफर कर सकते हैं।

  • General ticket पर sleeper class मे यात्रा

अगर आपकी टिकट की वैलिडिटी दिये गए समय के अंदर दूसरी ट्रेन का विकल्प नहीं है तो आप स्लीपर क्लास में यात्रा कर सकते हैं। लेकिन हां आप किसी भी खाली सीट में नहीं बैठ सकते। इसका अधिकार आपको नहीं मिलता। रेलवे अधिनियम की धारा 136 के अनुसार ट्रेन में जाते ही आपको सबसे पहले तो TTE देखकर यह बताना होगा कि आप किस वजह से स्लीपर क्लास में आए हैं।

  • जुर्माना

अगर स्लीपर क्लास में कोई सीट खाली होगी तो TTE आपसे दोनों क्लास की यात्रा टिकट का डिफरेंस लेकर स्लीपर क्लास का टिकट बना देगा। अगर कोई सीट खाली नहीं होती है तो अगले स्टेशन तक यात्रा करने की अनुमति आपको मिल जाएगी. इसके बाद भी अगर आप स्लीपर क्लास से बाहर नहीं जाते है तो आपको ₹250 का जुर्माना भरना पड़ेगा।

  • जुर्माना देने पर क्या होगा

अगर आप किसी भी कारणवश जुर्माना नहीं भर पाए है तो TTE आपको एक चालान बनाकर देता है। इस जुर्माने को आप न्यायालय में भी जाकर जमा कर सकते हैं।


निष्कर्ष :-

दोस्तों, आपने इस लेख के माध्यम से Gs coach in train meaning in Hindi के बारे मे जाना है। उम्मीद करते हैं कि जनरल coach से संबंधित दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करें और इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।

अगर आप किसी अन्य विषय पर जानकारी चाहते हैं या फिर इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।

अगर आप किसी अन्य विषय पर भी जानकारी चाहते हैं, तो उसके लिए भी आप हमें नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम आपके द्वारा सुझाए गए विषय पर जल्द लेख प्रस्तुत करेंगे।


FAQ’s :-

Q. 1 जनरल कोच क्या होता है ?

Ans. यह ट्रेन का वह कोच होता है, जो आम passanger के लिए होता है। इसका किराया भी सस्ता होता है।

Q. 2 ट्रेन में जनरल डिब्बे पर क्या लिखा होता है ?

Ans. Train के general coach पर डिब्बे का नंबर और रेलवे जोन का नाम लिखा होता है।

Q. 3 जनरल कोच में कितनी सीट होती है ?

Ans. जनरल कोच में सीटों की संख्या अलग-अलग होती है। कुछ मे यह 72 , कुछ मे 74 , कुछ में 80 हो सकती है।

Q. 4 ट्रेन में जनरल कोच और स्लीपर में क्या अंतर होता है ?

Ans. ट्रेन में स्लीपर का design मुख्य रूप से यात्री को आराम और सोने के लिए बनाया गया है और सामान्य 
कोच खासतौर से यात्रियों को ले जाने के लिए बनाया गया है। इसमें सोने की facility नही होती।

Read Also :- 

Leave a Comment