उत्तर प्रदेश का पुराना नाम क्या था? | Uttar pradesh ka purana naam kya tha

Uttar pradesh ka purana naam kya tha :-  दोस्तों, इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे उत्तर प्रदेश का पुराना नाम क्या था? और उत्तर प्रदेश की सबसे पहली राजधानी कौन थी ? और आखरी में जानेंगे कि उत्तर प्रदेश राज्य कब बना था ?

तो यदि आप इन सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल के साथ अंत तक बन रहे और चलिए शुरू करते हैं, इस आर्टिकल को.


उत्तर प्रदेश राज्य के बारे में जानकारी :-

उत्तर प्रदेश का पुराना नाम जानने से पहले लिए हम इस राज्य के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। उत्तर प्रदेश की आबादी 20 करोड़ से भी ज्यादा है। इस राज्य की आबादी इतनी ज्यादा है कि ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की भी इतनी आबादी नहीं होगी।

उत्तर प्रदेश पहले के समय में 16 महाजनपदों में बांटा था और इनमें से सा महाजनपद उत्तर प्रदेश के जमीन पर द। यह राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में उत्तरी मैदान तक फैला हुआ है।

इसकी सीमाएं नेपाल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, बिहार और छत्तीसगढ़ से लगती है। और क्षेत्रफल के हिसाब से भी यह भारत का सबसे बड़ा राज्य में से एक है।


उत्तर प्रदेश का पुराना नाम क्या था? ( Uttar pradesh ka purana naam )

उत्तर प्रदेश का एक समृद्ध इतिहास रहा है। यह राज्य केवल कुछ वर्षों पहले से नहीं बल्कि यह कई वर्षों से इसी जगह पर स्थित है। इस राज्य का नाम कई बार बदल गया है, इसलिए यह राज्य पुराने प्राचीन सभ्यताओं के साथ जुड़ा हुआ भी है।

इसका पुराना नाम समझने के लिए हमें वैदिक काल में वापस जाना होगा। क्योंकि यही से उत्तर प्रदेश को एक नाम मिला था।

  • वैदिक काल

वैदिक काल में यह केवल एक क्षेत्र था जिसे “ब्रह्म व्रत” कहा जाता था। ब्रह्म व्रत का अर्थ है देवताओं की भूमि। यह एक ऐसी पवित्र भूमि थी जो कई वैदिक अनुष्ठानों से जुड़ी थी और माना जाता था कि यहां ऋषि और द्रष्टाओं का निवास स्थान है।

  • मौर्य काल

समय के साथ आगे बढ़ते हुए जब मौर्य साम्राज्य की स्थापना हुई तो इस राज्य का नाम “मगध प्रदेश” रखा गया। यह कैसा साम्राज्य था, जो प्राचीन भारत के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक था।

सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान इस क्षेत्र को मगध प्रदेश के नाम से ही जाना जाता था। उस समय यह नाम हमारे साम्राज्य के प्रमुख शहर मगध से लिया गया था जो साम्राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र था।

  • गुप्त वंश

मौर्य साम्राज्य के बाद भारत वर्ष में गुप्त वंश की भी स्थापना हुई थी। और गुप्त वंश को अक्सर भारत का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। और इस समय इस क्षेत्र के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

गुप्त वंश के शासन के दौरान इस क्षेत्र को “उत्तरपथ” कहा जाता था जिसका अर्थ है नॉर्थ प्रेसिडेंट। या नाम भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए रखा गया था क्योंकि यह उत्तरी भाग के भौगोलिक स्थिति को ही दर्शाता है।

  • अवध का उदय

उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे प्रमुख अवधियों में से एक नवाबों का शासन था। अवध, जिसे अवध के नाम से भी जाना जाता है, वर्तमान उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में एक क्षेत्र था।

इस युग के दौरान, इस क्षेत्र को अक्सर “अवध प्रदेश” के रूप में जाना जाता था। अवध की राजधानी लखनऊ शहर उस समय के सांस्कृतिक वैभव और शोधन का पर्याय बन गया।

  • अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान

हम सभी जानते हैं कि भारतवर्ष में अंग्रेजों का भी शान हुआ था। और इस समय में उत्तर प्रदेश का नाम कई बार बदल गया था।

अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान 1775, 1798, 1801, 1803, 1816 इत्यादि कई बार इसका नाम बदल गया। 1816 के अंत में उत्तर प्रदेश का नाम “बंगाल प्रेसीडेंसी” रखा गया था। लेकिन फिर इस क्षेत्र को अलग किया गया तो 1833 में इसका नाम “आगरा प्रेसीडेंसी” पड़ा। उसे समय इस पश्चिम उत्तर प्रांत गठित किया गया था।

दरअसल अंग्रेजों के शासनकाल के पहले उत्तर प्रदेश राज्य का नाम अवध था। बाद में सन 1902 में इसका नाम बदलकर “संयुक्त प्रांत यानी यूनाइटेड प्रेसीडेंसी” कर दिया गया था। लेकिन इसके भी पहले सन 1877 में इसका नाम “नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस” रखा गया था।

1902 में उत्तर प्रदेश को “यूनाइटेड प्रोविंस आफ आगरा एंड अवध बुलाए जाने लगा था। और बोलचाल की भाषा में इसे यूपी कहा जाने लगा था। उसे समय प्रोविंस आफ आगरा एंड अवध की राजधानी इलाहाबाद थी लेकिन 1920 में इस प्रदेश की राजधानी को बदलकर लखनऊ कर दिया गया था।

अंत में 1947 में भारत को आजादी मिली थी। लेकिन आजादी से लेकर नए संविधान लागू होने तक इसका नाम यूनाइटेड प्रोविंस आफ आगरा एंड अवध ही था। लेकिन जब 1950 में नया संविधान लागू हुआ तो इस प्रदेश का नाम बदलकर “उत्तर प्रदेश” रख दिया गया।

इस तरह 24 जनवरी सन 1950 को यूनाइटेड प्रोविंस का नाम उत्तर प्रदेश पड़ा।


उत्तर प्रदेश की स्थापना कब हुई ?

अब सभी लोग का यह भी प्रश्न होता है कि आखिर उत्तर प्रदेश का नाम उत्तर प्रदेश क्यों रखा गया। या फिर उत्तर प्रदेश का इतिहास क्या था। तो हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की स्थापना 24 जनवरी 1950 को हुई थी।

जैसा कि हमने ऊपर लेख में भी जाना उत्तर प्रदेश के पहले यह क्षेत्र “आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत” के रूप में जाना जाता था। 1947 में भारत के स्वतंत्रता के बाद इस क्षेत्र को एक अलग राज्य के रूप में गठित किया गया और इसका नाम उत्तर प्रदेश रखा गया।

उत्तर प्रदेश में उत्तर का अर्थ है उत्तरी क्षेत्र और प्रदेश का अर्थ है राज्य। तो इस तरह से उत्तर प्रदेश एक उत्तरी क्षेत्र का राज्य है इसलिए इसका नाम उत्तर प्रदेश है। यह भारत का सबसे बड़ा राज्य भी है और इसकी राजधानी लखनऊ है। यह राज्य अपने समृद्ध संस्कृति, इतिहास और विरासत के लिए जाना जाता है।


FAQ,s :-

Q1. उत्तर प्रदेश का गठन कब हुआ ?

Ans :- उत्तर प्रदेश राज्य का गठन 26 जनवरी, वर्ष 1950 को हुआ था। जब United Provinces का नाम 
उत्तर प्रदेश रखा गया है।

Q2. उत्तर प्रदेश की स्थापना किसने की थी ?

Ans :- उत्तर प्रदेश की स्थापना भारत के governor general के द्वारा 26 जनवरी वर्ष 1950 को की गई थी।

Q3. उत्तर प्रदेश की पहली राजधानी

Ans :- UP यानी उत्तर प्रदेश की पहली राजधानी इलाहाबाद थी जिसे आज  आज के समय में प्रयागराज कहा 
जाता है,  उसके बाद वर्ष 1920 में उत्तर प्रदेश का राजधानी इलाहाबाद से बदलकर लखनऊ कर दिया गया।

Q4. 1950 में उत्तर प्रदेश में कितने जिले थे ?

Ans :- वर्ष 1950 में उत्तर प्रदेश में कुल 83 जिले मौजूद थे।  लेकिन वर्ष 2000 में 13 जिले अलग करके 
उत्तराखंड राज्य बनाया गया।

( निष्कर्ष, conclusion )

तो दोस्तों अब आप जान चुके होंगे, कि Uttar pradesh ka purana naam Kya tha ? और उत्तर प्रदेश की सबसे पहली राजधानी कौन थी ? और आखरी में जानें है, कि उत्तर प्रदेश राज्य कब बना था ?

तो उत्तर प्रदेश के बारे में इतना सब जानने के बाद चलिए अब इस आर्टिकल को यहीं पर समाप्त करते हैं, लेकिन उससे पहले यदि आपको यह आर्टिकल पसंद है, तो इस आर्टिकल को अपने बाकी दोस्तों और रिश्तेदारों के पास जरूर शेयर करें.


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